असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय मृत्योर्मामृतमं गमय ।।सत्यमज्ञानमनंतमब्रह्म ।।रामो विग्रहवान धर्म: ।।कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।।सदाशिवसमारम्भां शङ्कराचार्यमध्यमाम्।अस्मदाचार्य पर्यन्तां वन्दे गुरु परम्पराम्॥ Join AHVAAN Community हिंदू धर्म के मूल में तीन स्तंभ है - गुरु गोविंद और ग्रंथ । वर्तमान में हिंदू केवल गोविंद और आंशिक तौर पर ग्रंथ तक ही सीमित हैं जबकि सार्वभौम गुरु अर्थात प्रमाणिक व्यास गद्दी से दूरी एवं अशास्त्रीय बहुनेतृत्ववाद ही सनातन समाज की मूल समस्या है Read More